Supreme Court: महिलाओं के भरण पोषण के लिए कोई धर्म रूकावट नहीं, मुस्लिम महिलाएं भी मांग सकती हैं पति से गुजारा भत्ता

इंटरनेट डेस्क। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को महिलाओं को लेकर एक बड़ा फैसला किया है। इस मामले में कोर्ट ने कहा कि भरण पोषण मामले में कोई धर्म बाधा नहीं है। कोर्ट ने मुस्लिम महिलाओं के लिए भी भरण पोषण के लिए पति की जिम्मेदारी तय की है। तेलंगाना की महिला ने भरण पोषण के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

इस मामले में पति हाई कोर्ट में केस हार गया था। जस्टिस नागरत्ना और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की डबल बेंच ने इस पर फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि मुस्लिम महिला ही नहीं, किसी भी धर्म की महिला भरण पोषण की अधिकारी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि धारा 125 के तहत महिला मेंटेनेंस का केस पति पर डाल सकती है। इसमें कोई धर्म रुकावट नहीं है।

मीडिया रिपोटर्स की माने तो जस्टिस नागरत्ना ने फैसला सुनाते हुए एक बड़ी बात भी कही। उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि भारतीय पुरुष पत्नियों के त्याग को पहचानें। उन्होंने सलाह दी कि उनके खाते और जॉइंट काउंट खोले जाने चाहिए।

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