Utpanna Ekadashi 2025: उत्पन्ना एकादशी आज, जाने पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि, किस समय करें व्रत का पारण

इंटरनेट डेस्क। हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत ही बड़ा महत्व है। वैसे मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को उत्पन्ना एकादशी कहा जाता है जो आज है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन एकादशी देवी का प्राकट्य हुआ था। जो व्यक्ति यह व्रत करता है, उसके जीवन में नई ऊर्जा, धन,समृद्धि और शांति आती है। तो जानते हैं उत्पन्ना एकादशी के बारे में।

एकादशी तिथि प्रारम्भ - नवम्बर 15, 2025 को 12.49 ए एम बजे
एकादशी तिथि समाप्त - नवम्बर 16, 2025 को 02.37 ए एम बजे
पारण (व्रत तोड़ने का) समय - 16 नवंबर को पारण (व्रत तोड़ने का) समय - 01.10 पी एम से 03.18 पी एम तक

पूजा विधि
उत्पन्ना एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ, हल्के कपड़े पहनें। घर के मंदिर या पूजा स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें और पीले कपड़े पर भगवान विष्णु की तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करें। सबसे पहले दीपक और धूप जलाएं, फिर भगवान विष्णु को चंदन, अक्षत, पीले फूल और तुलसी दल अर्पित करें, क्योंकि एकादशी की पूजा तुलसी के बिना पूरी नहीं मानी जाती। अब मन में संकल्प लें कि आप यह व्रत शुद्ध भाव से कर रहे हैं। इसके बाद “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” और “ॐ विष्णवे नमः” मंत्र का जप जितना हो सके उतना करें। 

पूजा सामग्री लिस्ट
गंगाजल, पीला कपड़ा, भगवान विष्णु की प्रतिमा/तस्वीर, घी या तेल का दीपक, धूपबत्ती या धूप, चंदन, अक्षत (चावल), पीले फूल, तुलसी दल, फल, मिठाई, पंचामृत, नैवेद्य।  

उपाय
तुलसी के पास दीपक जलाएं- एकादशी पर तुलसी माता के पास घी का दीपक जलाना सबसे शुभ उपाय माना जाता है। विष्णुजी को पीली वस्तु अर्पित करें- हल्दी, पीला फूल, पीला फल या पीली मिठाई। जो भी उपलब्ध हो, भगवान विष्णु को अर्पित करें।

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