'पूर्व निर्धारित प्रक्रिया': खड़गे और राहुल ने NHRC चयन समिति की बैठक में असहमति जताई

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के अध्यक्ष और सदस्यों के चयन पर असहमति जताई। उन्होंने चयन प्रक्रिया को "मूल रूप से त्रुटिपूर्ण" और "पूर्व निर्धारित" बताया, जिसमें परस्पर विचार-विमर्श और सहमति को नज़रअंदाज किया गया।

 

मुख्य बिंदु:

  • अध्यक्ष पद के लिए प्रस्ताव: खड़गे और गांधी ने जस्टिस रोहिंटन फली नरीमन और जस्टिस कुट्टियिल मैथ्यू जोसेफ का नाम सुझाया था।
  • चयन प्रक्रिया पर आपत्ति: उन्होंने कहा कि चयन प्रक्रिया ने निष्पक्षता और पारदर्शिता को नजरअंदाज किया और मात्र संख्या बल के आधार पर निर्णय लिया गया।
  • विविधता और समावेशन की आवश्यकता: खड़गे और गांधी ने NHRC में विविध नेतृत्व की जरूरत पर जोर दिया, ताकि यह मानवाधिकार उल्लंघन के खिलाफ संवेदनशीलता और निष्पक्षता बनाए रख सके।

 

चयन प्रक्रिया:

18 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में उच्च-स्तरीय समिति की बैठक में NHRC के नए अध्यक्ष और सदस्यों का चयन किया गया। समिति ने जस्टिस वी. रामासुब्रमणियन को NHRC का नया अध्यक्ष नियुक्त किया।

 

असहमति नोट:

  • पारंपरिक प्रक्रिया से भटकाव: खड़गे और गांधी ने कहा कि परंपरागत प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया, जिससे समिति की विश्वसनीयता पर असर पड़ता है।
  • विविधता को नजरअंदाज: उन्होंने कहा कि प्रस्तावित नाम भारत की सांस्कृतिक और सामाजिक विविधता को दर्शाते थे, लेकिन उन्हें नजरअंदाज किया गया।

 

समावेशी नेतृत्व की आवश्यकता:

उन्होंने जोर दिया कि NHRC का प्रभाव और विश्वसनीयता उसकी संरचना में समावेश और विविधता पर निर्भर करती है।

 

 

 

 

 

 

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