Bengaluru Stampede: भगदड़ मामले में पहली गिरफ्तारी, आरसीबी सदस्य को एयरपोर्ट पर लगाई गई हथकड़ी

कर्नाटक पुलिस ने चिन्नास्वामी स्टेडियम भगदड़ मामले में बड़ी कार्रवाई की है। 11 लोगों की मौत के मामले में केस दर्ज करने के बाद कर्नाटक पुलिस ने पहली गिरफ्तारी की है। स्टेडियम के बाहर भगदड़ मामले में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) के इवेंट मैनेजर निखिल सोसले को एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने कार्रवाई के आदेश दिए थे। इस मामले की CID जांच कराई जाएगी।

RCB ने पंजाब को हराकर IPL 2025 की ट्रॉफी अपने नाम की थी। पहली बार IPL ट्रॉफी जीतने के बाद RCB के जीत के जश्न की तैयारियां जोरों पर थीं। बुधवार को चिन्नास्वामी स्टेडियम में लाखों लोग जमा थे, तभी भगदड़ मच गई और 11 लोगों की मौत हो गई। हादसे में 60 लोग घायल हो गए। इस मामले ने देश में सनसनी मचा दी थी।

इस मामले में केस दर्ज हुआ, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कार्रवाई के आदेश दिए। फिर पहली गिरफ्तारी हुई। आरसीबी के मार्केटिंग हेड निखिल सोसले को बेंगलुरु एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा पुलिस ने तीन और लोगों को हिरासत में लिया है। इन सभी से कब्बन थाने में पूछताछ की जा रही है।

एफआईआर में गंभीर आरोप चिन्नास्वामी स्टेडियम में बुधवार को हुई भगदड़ के मामले में कब्बन पार्क थाने में मामला दर्ज किया गया है। एफआईआर में आरसीबी को आरोपी नंबर 1, डीएनए एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड को आरोपी नंबर 2 और कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन की प्रशासनिक समिति को आरोपी नंबर 3 बनाया गया है।

एफआईआर में आरसीबी पर इस आयोजन के लिए जरूरी अनुमति नहीं लेने का आरोप लगाया गया है। एफआईआर में कहा गया है कि आरसीबी, डीएनए इवेंट मैनेजमेंट कंपनी और कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन ने बिना अनुमति के जीत का जश्न मनाया। आरसीबी ने साफ कर दिया है कि वह इस मामले में कानूनी कार्रवाई में सहयोग करेगी।

पुलिस कमिश्नर और 8 अधिकारी निलंबित
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस मामले में सख्त कदम उठाते हुए बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर, एडिशनल पुलिस कमिश्नर, कब्बन पार्क पुलिस स्टेशन इंचार्ज, असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर, सेंट्रल डिवीजन डिप्टी कमिश्नर, क्रिकेट स्टेडियम इंचार्ज, स्टेशन हाउस मास्टर और स्टेशन हाउस ऑफिसर समेत 8 पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। साथ ही मामले की जांच के लिए रिटायर्ड हाईकोर्ट जस्टिस माइकल डी’कुन्हा की अध्यक्षता में एक सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया गया है। यह आयोग 30 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट देगा।