Chaitra Navratri 2025: शुभ तिथियां, महत्व और मां दुर्गा के आगमन का संकेत
- byrajasthandesk
- 20 Feb, 2025

चैत्र नवरात्रि 2025 कब से शुरू होगी?
इस वर्ष चैत्र नवरात्रि 30 मार्च 2025 से आरंभ होगी और 7 अप्रैल 2025 को राम नवमी के साथ समाप्त होगी। इस दिन घटस्थापना की जाएगी और मां दुर्गा के पहले स्वरूप की पूजा के साथ उपवास की शुरुआत होगी। नौ दिनों तक मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की आराधना की जाएगी।
चैत्र नवरात्रि की महत्वपूर्ण तिथियां
- प्रथम दिन (30 मार्च 2025): घटस्थापना
- सप्तमी (5 अप्रैल 2025): महाआरती
- अष्टमी (6 अप्रैल 2025): कन्या पूजन
- नवमी (7 अप्रैल 2025): राम नवमी एवं नवरात्रि समापन
हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 29 मार्च को शाम 4:27 बजे प्रारंभ होगी और 30 मार्च को दोपहर 12:49 बजे समाप्त होगी। इसी कारण नवरात्रि की शुरुआत 30 मार्च से मानी जाएगी।
मां दुर्गा का आगमन और वाहन का महत्व
इस वर्ष चैत्र नवरात्रि की शुरुआत रविवार से हो रही है, जिसके कारण मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर धरती पर आएंगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देवी का हाथी पर आगमन बहुत शुभ माना जाता है। यह समृद्धि, धन-धान्य और देश की आर्थिक उन्नति का प्रतीक है। इसी प्रकार, नवरात्रि के समापन पर भी मां दुर्गा हाथी पर ही विदा लेंगी, जिसे अत्यंत शुभ संकेत माना जाता है।
चैत्र नवरात्रि का महत्व
चैत्र नवरात्रि के साथ ही हिंदू नववर्ष का शुभारंभ होता है। यह पर्व आत्मिक उन्नति, मनोकामनाओं की पूर्ति और नकारात्मकता को समाप्त करने के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। इस दौरान उपवास रखने से शरीर की शुद्धि होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
यह नवरात्रि भारत के विभिन्न हिस्सों में हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। महाराष्ट्र में इसे गुड़ी पड़वा, पंजाब में वैशाखी और कर्नाटक एवं आंध्र प्रदेश में उगादि के रूप में मनाया जाता है। धार्मिक दृष्टि से यह समय साधना, भक्ति और आत्मचिंतन के लिए अति महत्वपूर्ण होता है।
उपसंहार
चैत्र नवरात्रि केवल एक पर्व नहीं, बल्कि भक्तों के लिए आत्मशुद्धि और देवी कृपा प्राप्त करने का एक सुनहरा अवसर है। यदि पूरे श्रद्धा भाव से मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की जाए, तो सभी इच्छाएं पूर्ण हो सकती हैं। इस नवरात्रि पर देवी को प्रसन्न करने के लिए नियमपूर्वक पूजा करें और अपने जीवन में सुख-समृद्धि का संचार करें।