EPFO: EPFO ने किया बड़ा बदलाव! PF ट्रांसफर के लिए HR की जरूरत नहीं, नौकरी बदलते ही 2 दिन में ट्रांसफर हो जाएगा पैसा
- byvarsha
- 11 Nov, 2025
PC: SAAMTV
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने लगभग 8 करोड़ सक्रिय सदस्यों के लिए एक बड़ा बदलाव किया है। अब नौकरी बदलने पर EPF की राशि अपने आप नए खाते में जमा हो जाएगी। पहले यह प्रक्रिया कर्मचारी की मंज़ूरी और मैन्युअल क्लेम पर निर्भर थी। लेकिन अब यह लेन-देन सीधे EPFO द्वारा एक स्वचालित प्रणाली के माध्यम से किया जाएगा। इससे कर्मचारियों को लंबी प्रक्रिया और मानव संसाधन विभाग के चक्कर लगाने की परेशानी से मुक्ति मिलेगी। साथ ही, सभी खाते एक ही UAN से जुड़े होंगे और आधार-आधारित e-KYC सत्यापन तुरंत होगा। यह बदलाव लाखों कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत होगी।
पहले, जब कोई कर्मचारी नौकरी बदलता था, तो उसे फॉर्म 13 भरकर अपने पिछले नियोक्ता से सत्यापन करवाना पड़ता था। नियोक्ता से मंज़ूरी मिलने में देरी के कारण इस प्रक्रिया में अक्सर हफ़्तों या महीनों का समय लग जाता था। हालाँकि, EPFO ने अब इस प्रक्रिया को पूरी तरह से सरल और आसान बना दिया है। जब कोई कर्मचारी नई नौकरी ज्वाइन करता है और उसका नया नियोक्ता उसकी जॉइनिंग डेट अपडेट करता है, तो सिस्टम अपने आप लेन-देन की प्रक्रिया शुरू कर देता है। परिणामस्वरूप, कर्मचारी को अब अलग से फॉर्म भरने या अपने किसी वरिष्ठ अधिकारी से अनुमोदन लेने की आवश्यकता नहीं है। इससे लेन-देन प्रक्रिया में लगने वाला समय काफी कम हो गया है।
इसके अलावा, ईपीएफओ ने अब यह सुनिश्चित किया है कि प्रत्येक कर्मचारी के पास जीवन भर एक ही यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) रहे। पहले, प्रशासनिक त्रुटियों के कारण, एक ही कर्मचारी के दो या दो से अधिक यूएएन बन जाते थे, जिससे धन हस्तांतरण या निकासी में कठिनाई होती थी। अब इस प्रणाली को अपडेट किया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यदि किसी कर्मचारी के पास पहले से ही यूएएन है, तो नया यूएएन न बने। आधार नंबर और ई-केवाईसी-आधारित सत्यापन यह सुनिश्चित करता है कि पुराने और नए दोनों पीएफ खाते एक ही यूएएन से जुड़े हों।
इन बदलावों का उद्देश्य ईपीएफओ ट्रांसफर प्रोसेस को कर्मचारियों के लिए परेशानी मुक्त, तेज़, पारदर्शी और विश्वसनीय बनाना है। Employer Level पर होने वाली देरी, मैन्युअल डेटा एंट्री और कागजी कार्रवाई की परेशानी अब पूरी तरह से समाप्त हो गई है। इसके अलावा, ईपीएफओ का डिजिटल बुनियादी ढांचा और आधार एकीकरण यह सुनिश्चित करता है कि सदस्य अपनी सेवानिवृत्ति निधि पर पूर्ण नियंत्रण और सुरक्षा बनाए रखें।






