"मुस्लिम लड़की से प्यार है": शादीशुदा मर्द का हैरान करने वाला बयान, बागेश्वर बाबा के दरबार में हंगामा
- byrajasthandesk
- 13 Nov, 2024
बागेश्वर बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दरबार में एक हैरान करने वाली घटना घटी, जब एक शादीशुदा व्यक्ति ने सार्वजनिक रूप से मुस्लिम लड़की के साथ अपने प्यार का इज़हार किया और पूरी पंडाल में हंगामा मच गया। राजस्थान के सीकर में हो रहे इस दरबार में एक युवक अपने माता-पिता के साथ आया और बाबा से कुछ अजीब सवाल पूछने लगा, जिसने पूरी सभा को चौंका दिया।
प्यार की हैरान करने वाली क़ुबूलियत
इस युवक ने बताया कि वह पिछले 7 सालों से एक मुस्लिम लड़की से प्यार करता है, जबकि वह खुद ब्राह्मण है। उसने यह भी कहा कि लड़की की शादी हो चुकी है, लेकिन अब भी अगर वह तैयार हो जाए, तो वह उससे शादी करने को तैयार है। उसने यह भी कहा कि 6 महीने पहले तक वह बहुत अच्छा इंसान था, लेकिन अब वह बुरा बन गया है।
'पर्ची' में 'लव' शब्द पर विवाद
जैसे ही बाबा धीरेंद्र शास्त्री ने उसे पर्ची दी, उस पर्ची में “लव” शब्द नहीं होने पर युवक ने विरोध किया। उसने कहा कि पर्ची में "लव" नहीं लिखा है, जबकि बाबा ने उसे प्यार से समझाने की कोशिश की थी कि इस तरह के मुद्दों से दूर रहना चाहिए। लेकिन युवक अपने बयान पर अड़ा रहा और इसी पर दोनों के बीच तीखी बहस शुरू हो गई।
मां का आह्वान और हंगामा
इस विवाद के बीच युवक की मां मंच पर आईं और रोते हुए अपने बेटे को समझाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि हर किसी का लिखने का तरीका अलग होता है, और बाबा का लिखने का तरीका भी कुछ अलग है। हालांकि, युवक अपनी बात पर अड़ा रहा और इसका विरोध करता रहा, जिससे पूरे पंडाल में हंगामा मच गया।
बाबा की खरी-खरी बात
इस दौरान बाबा ने युवक को खरी-खरी सुनाईं। उन्होंने कहा, "तुम शादीशुदा हो, तुम्हारी 6 साल की बच्ची है, फिर भी तुम दूसरे महिला के पीछे पड़े हो। यह तुम क्या कर रहे हो?" बाबा ने यह भी कहा कि यह युवक अपने घर वालों को पागल कर रहा है और उसके दिमाग का संतुलन बिगड़ चुका है।
पिता की दुखभरी शिकायत
अंत में युवक के पिता मंच पर आए और वे रोते हुए अपने बेटे की शिकायत करने लगे। उन्होंने कहा, "इस बेटे को मैंने बहुत प्यार दिया, लेकिन अब यह मेरा घर बर्बाद कर रहा है। मुझे ऐसा बेटा नहीं चाहिए, इसे कोई रोक ले।" यह सब सुनकर पंडाल में सन्नाटा छा गया और पूरी घटना ने सभी को हैरान कर दिया।
इस घटना से यह सवाल उठता है कि रिश्तों में समझदारी और परिवार की अहमियत कितनी महत्वपूर्ण होती है, और कैसे कुछ फैसले पूरे परिवार को प्रभावित कर सकते हैं।