Income Tax Return: 16 सितंबर के बाद भी कैसे फाइल करें ITR और क्या हैं नुकसान

कई लोग मानते हैं कि इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) केवल ड्यू डेट तक ही फाइल किया जा सकता है। हालांकि, यह सोच सही नहीं है। अगर आप बैंक इंटरेस्ट, कैपिटल गेंस या डिविडेंड से हुई इनकम के लिए 16 सितंबर तक रिटर्न नहीं फाइल कर पाए हैं, तो भी आपके पास विकल्प हैं।

ड्यू डेट और लास्ट डेट क्या हैं?

इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए दो महत्वपूर्ण तारीखें होती हैं:

  1. ड्यू डेट (Due Date): आमतौर पर 31 जुलाई, 2025 थी। इसे इस साल बढ़ाकर 16 सितंबर, 2025 कर दिया गया था।
  2. लास्ट डेट (Last Date): ड्यू डेट बीतने के बाद भी आप बिलेटेड रिटर्न (Belated ITR) फाइल कर सकते हैं।

बिलेटेड रिटर्न कब तक फाइल किया जा सकता है?

  • अगर आपने 16 सितंबर तक रिटर्न फाइल नहीं किया, तो आप 31 दिसंबर, 2025 तक बिलेटेड रिटर्न फाइल कर सकते हैं।
  • इसके बाद भी कुछ खास परिस्थितियों में आप 1 अप्रैल, 2026 से अपडेटेड ITR फाइल कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए आपको बकाया टैक्स के साथ अतिरिक्त इंटरेस्ट और टैक्स चुकाना होगा।

ड्यू डेट के बाद रिटर्न फाइल करने के नुकसान

  1. कैरी-फॉरवर्ड लॉस पर असर: अगर आप ड्यू डेट तक रिटर्न फाइल नहीं करते हैं, तो वर्तमान वित्त वर्ष में हुए किसी लॉस को अगले सालों में सेट-ऑफ नहीं कर पाएंगे।
  2. एडवान्स टैक्स पर इंटरेस्ट: यदि आपने पर्याप्त एडवान्स टैक्स नहीं भरा है, तो देर होने पर इंटरेस्ट चुकाना पड़ेगा।
  3. रिफंड में नुकसान: यदि आप रिफंड के हकदार हैं, तो देर से फाइलिंग के कारण मिलने वाला इंटरेस्ट कम होगा।
  4. लेट फाइलिंग फीस:
    • सालाना इनकम 5 लाख रुपये से कम होने पर: 1,000 रुपये
    • सालाना इनकम 5 लाख रुपये से अधिक होने पर: 5,000 रुपये

क्या करना चाहिए?

  1. अपने सारे इनकम और डिडक्शन्स का विवरण तैयार करें: बैंक इंटरेस्ट, कैपिटल गेंस, डिविडेंड आदि।
  2. ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाकर बिलेटेड ITR फॉर्म चुनें।
  3. बकाया टैक्स और इंटरेस्ट सही से कैलकुलेट करके जमा करें।
  4. फाइलिंग के बाद रिटर्न का Acknowledgement (ITR-V) डाउनलोड करें।

निष्कर्ष:
ड्यू डेट बीत जाने पर भी ITR फाइल करना संभव है। हालांकि, देर से फाइलिंग पर इंटरेस्ट और लेट फीस लागू होती है, और कुछ टैक्स लाभ भी सीमित हो सकते हैं। इसलिए जितनी जल्दी हो सके बिलेटेड रिटर्न फाइल कर देना बेहतर रहता है।