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कोलकाता के सियालदह इलाके की एक सत्र अदालत, आर.जी. कर बलात्कार और हत्या के जघन्य मामले पर अपना फैसला सुनाएगी, जिसमें शहर के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में अपनी नाइट शिफ्ट पूरी करने के बाद एक प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई।
अगस्त 2024 में हुई इस घटना ने पूरे देश में काफी हंगामा मचाया था, जिसके बाद उच्च न्यायालय ने मामले को सी.बी.आई. को सौंप दिया, जिसने सत्र न्यायालय के समक्ष अपना आरोपपत्र दाखिल किया। यह मामला सर्वोच्च न्यायालय तक भी पहुंचा, जिसने डॉक्टरों की कार्यस्थल सुरक्षा के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने और जांच की निगरानी करने के लिए इसे स्वतः संज्ञान में लिया।
आर.जी. कर मामले की जांच- अब तक की कहानी इस जघन्य घटना के बाद, कोलकाता और पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हुए, जिसमें अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने की मांग की गई। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका में जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया, जिसने पश्चिम बंगाल सीआईडी से जांच का जिम्मा संभाला, जिसने बलात्कार-हत्या मामले में मुख्य आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार किया था।
कलकत्ता उच्च न्यायालय के समक्ष विभिन्न मामले दायर किए गए, जिसने पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष द्वारा कथित दुराचार और भ्रष्टाचार की जांच भी सीबीआई को सौंप दी।
न्यायालय के प्रभारी अधिकारी के खिलाफ भी मामले दर्ज किए गए, जिन्होंने मामले को 'अप्राकृतिक मौत' के रूप में दर्ज किया था, जिसमें इस तथ्य की ओर इशारा किया गया था कि पीड़िता ने पूर्व प्रिंसिपल के साथ कथित मिलीभगत से आत्महत्या की हो सकती है।
हालांकि, चूंकि सीबीआई प्रिंसिपल और ओसी के खिलाफ समय पर आरोप पत्र दाखिल करने में असमर्थ थी, इसलिए उन्हें जमानत दे दी गई।
इस प्रकार, मामले में एकमात्र शेष आरोपी जिसके खिलाफ सीबीआई ने आरोप पत्र दाखिल किया था, वह मुख्य आरोपी संजय रॉय है।
तदनुसार, कल (18 जनवरी) सत्र न्यायालय बलात्कार-हत्या मामले में आरोपी संजय रॉय की संलिप्तता पर अपना फैसला सुनाएगा।