Rajasthan: वसुंधरा राजे की चुनाव प्रचार से दूरी कही मुख्यमंत्री भजनलाल को नहीं पड़ जाएं भारी

इंटरनेट डेस्क। लोकसभा चुनावों के लिए राजस्थान में पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल यानी के शुक्रवार को होगा। 19 अप्रैल को 12 सीटों के लिए ही मतदान होगा और बाकी बची 13 सीटों के लिए 26 अप्रैल को दूसरे फेज में मतदान होगा। हालांकि इन 12 सीटों पर इस बार चुनाव प्रचार में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे दूर ही रही है। उन्होंने जहां तक हैं अपने बेट की सीट के अलावा कही भी प्रचार प्रसार नहीं किया है। 

लिहाजा चुनाव प्रचार प्रसार से उनकी दूरी क्यों है यह सवाल उठना लाजमी हैं और हर किसी के दिमाग में भी हैं की ऐसा अचानक क्या हो गया की वसुंधरा राजे प्रचार प्रसार के लिए मैदान में ही नहीं उतरी। हालांकि ये सबकुछ विधानसभा चुनावों में भी देखने को मिला और उसके बाद पार्टी ने उन्हें सीएम नहीं बनाकर ये भी साफ कर दिया की अब उनका समय पूरा हो चुका है। लेकिन बता दें की झालावाड़-बारां लोकसभा सीट से वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत सिंह मैदान में हैं और वसुंधरा बेटे के लिए लगातार कैंपेन कर रही हैं।

वहीं मीडिया रिपोटर्स की माने तो वसुंधरा राजे का प्रचार प्रसार से दूर रहना काफी अहमियत रखता है। वहीं कुछ राजनीतिक जानकारों का मानना है कि वसुंधरा राजे का प्रचार से दूर रहना सीएम भजनलाल शर्मा के लिए फायदेमंद है। हालांकि, यह भी कहा जा रहा है कि अगर राजस्थान में बीजेपी मिशन 25 का हैट्रिक नहीं लगाती तो भजनलाल की कुर्सी खतरे में पड़ सकती है। वैसे राजे दूर रहकर दबाव की राजनीति भी कर रही है, अगर हैट्रिक नहीं होती हैं तो फिर राजे को यहां फायदा हो सकता है। सीएम भजनलाल शर्मा लगातार अलग-अलग सीटों पर दौरा कर रहे हैं। अगर बीजेपी को सभी 25 सीटों पर जीत मिलती हैं तो फिर ये सौदा वसुंधरा को भारी पड़ना तय हैं और भजनलाल के लिए फायदेमंद है।

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