RBI का बड़ा फैसला: डिजिटल जमा पर बैंकों को रखना होगा 2.5% अतिरिक्त कैश, जानें नया नियम

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों की वित्तीय स्थिरता को मजबूत करने के लिए एक अहम फैसला लिया है। नए नियमों के तहत, अब बैंकों को रिटेल और छोटे व्यवसायों के उन ग्राहकों की जमा राशि पर 2.5% अतिरिक्त नकद रिजर्व रखना अनिवार्य होगा, जो इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग सेवाओं का उपयोग करते हैं। यह नियम 1 अप्रैल 2026 से प्रभावी होगा।

RBI का यह कदम विशेष रूप से वित्तीय दबाव या आर्थिक अनिश्चितता के समय में ग्राहकों द्वारा अचानक बड़ी मात्रा में पैसे निकालने की स्थिति को ध्यान में रखकर उठाया गया है। सोमवार को जारी इस निर्देश के जरिए आरबीआई ने बैंकों को संभावित संकट की स्थिति में बेहतर तैयारी के लिए प्रोत्साहित किया है।

गौरतलब है कि जुलाई 2024 में RBI ने एक ड्राफ्ट प्रस्ताव जारी किया था, जिसमें डिजिटल बैंकिंग उपयोग करने वाले खातों पर 5% ‘रन-ऑफ फैक्टर’ यानी संभावित निकासी दर का सुझाव दिया गया था। इसका मतलब है कि तनावपूर्ण आर्थिक परिस्थितियों में ग्राहक कितना पैसा निकाल सकते हैं, इसका आकलन कर बैंकों को पूर्व तैयारी करनी होती है।

दुनियाभर में कई उदाहरण सामने आए हैं, जहां वित्तीय संकट के दौरान डिजिटल बैंकिंग की सुविधा की वजह से लोग तुरंत अपने खाते से बड़ी रकम निकाल लेते हैं। इसी व्यवहारिक बदलाव को ध्यान में रखते हुए, RBI ने अब बैंकों के लिए 2.5% अतिरिक्त नकदी आरक्षित रखने का आदेश जारी किया है।

RBI के अधिकारियों के अनुसार, यह बदलाव इसलिए ज़रूरी हो गया है क्योंकि डिजिटल बैंकिंग के बढ़ते इस्तेमाल ने ग्राहकों की आदतों को पूरी तरह से बदल दिया है। अब बैंकों से उम्मीद की जाती है कि वे ऐसे किसी भी संकट की स्थिति में पर्याप्त तरलता (Liquidity) बनाए रखें ताकि वित्तीय स्थिरता बनी रह सके।

वित्तीय जानकारों ने भी RBI के इस फैसले का स्वागत किया है। उनका मानना है कि डिजिटल युग में जोखिम प्रबंधन के तौर-तरीके अब पुराने तरीकों से अलग होने चाहिए और ग्राहकों के व्यवहार तथा तकनीक के अनुसार ढलने चाहिए। यह नियम बैंकिंग सेक्टर को भविष्य के संकटों से बचाने की दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है।

डिजिटल बैंकिंग के बढ़ते विस्तार के साथ-साथ आरबीआई आगे भी इस तरह के नियमों में बदलाव करता रहेगा, ताकि भारत की बैंकिंग व्यवस्था सुरक्षित और स्थिर बनी रहे।