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प्रशासन ने लिया सख्त फैसला, 1 जनवरी से भीख मांगने और देने पर होगी कार्रवाई
- byTrainee
- 20 Dec, 2024

इंदौर प्रशासन ने 1 जनवरी 2025 से शहर में भीख मांगने और देने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। इसका उद्देश्य शहर को भिखारी-मुक्त और स्वच्छ बनाना है। इस नियम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। भीख देने वालों पर FIR दर्ज करने का प्रावधान है।
भीख मांगने और देने पर प्रतिबंध का उद्देश्य
- शहर को भिखारी-मुक्त बनाना: इंदौर की स्वच्छता और सार्वजनिक स्थानों की सुंदरता बनाए रखना।
- फर्जी भिखारियों की पहचान: रिपोर्ट के अनुसार, कई भिखारी जरूरतमंद नहीं हैं और संगठित गिरोह का हिस्सा हैं।
- जरूरतमंदों की सहायता: NGOs और सरकारी योजनाओं के माध्यम से सही तरीके से मदद करना।
फर्जी भिखारियों का खुलासा
- जांच में पाया गया कि कई भिखारी पक्के मकानों के मालिक हैं और आय के स्थायी स्रोतों से जुड़े हैं।
- कुछ भिखारी ब्याज पर पैसा देकर मोटी कमाई कर रहे हैं।
- तलाशी में ₹29,000 नकद पाए गए, जिससे फर्जी भिखारियों का पर्दाफाश हुआ।
प्रशासन की तैयारियां और जन-जागरूकता अभियान
इंदौर प्रशासन और पुलिस ने इस आदेश को लागू करने के लिए विस्तृत तैयारियां शुरू कर दी हैं।
- जन-जागरूकता अभियान: रैलियां, सेमिनार और सोशल मीडिया के जरिए लोगों को शिक्षित किया जा रहा है।
- कानूनी कार्रवाई: भीख देने वालों पर IPC की धाराओं के तहत FIR दर्ज की जाएगी।
- संगठित सहायता: प्रशासन ने NGOs और सरकारी योजनाओं के माध्यम से जरूरतमंदों की मदद करने की अपील की है।
भीख देने वालों पर सख्त कार्रवाई
- सार्वजनिक स्थानों पर भीख देने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी प्रावधान लागू किए जाएंगे।
- लोगों को सीधे भिखारियों को पैसे देने से बचने और सही माध्यम से मदद करने की सलाह दी गई है।
इंदौर को भिखारी-मुक्त बनाने की पहल
यह कदम केंद्र सरकार की पायलट योजना का हिस्सा है। प्रशासन का मानना है कि यह पहल न केवल शहर को स्वच्छ बनाएगी बल्कि सही मायनों में जरूरतमंद लोगों की मदद करेगी।
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