Borewell में अब तक कितने बच्चों की हुई है मौत, जानें कितना मुआवजा देती है राजस्थान सरकार

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राजस्थान में बोरवेले हादसे बहुत अधिक बढ़ गए हैं। साल 2018 से 2024 तक बोरवेल से जुड़े करीब 59 हादसे हुए हैं। इनमें से सिर्फ दो बच्चों की जान बच सकी है। अगर हर साल की बात करें तो 2018 में 15, 2019 में 6, 2020 में 18, 2021 में 6, 2022 में 2 और साल 2023-24 में करीब बारह हादसे हुए हैं। कुल 59 हादसों में से सिर्फ 2 ही बच्चों को बचाया जा सका है।

बोरवेल हादसों पर कितना मुआवजा देती है सरकार
पहले सरकार डेढ़ लाख का मुआवजा देती थी लेकिन अब इस राशि को बढ़ा दिया गया है।राजस्थान सरकार बोरवेले हादसों और पानी में डूबने के हादसों को प्राकृतिक आपदा में दर्ज करती है। पूरे देश में लगभग यही नियम है। ब आठ साल पहले तक इस तरह से जान गवाने वेक लोगों को सरकार एक लाख पचास हजार रुपए की मुआवजा राशि देती थी। लेकिन आठ साल पहले इसे बढ़ाकर चार लाख रुपए कर दिया गया है। पिछले कुछ सालों में राजस्थान विधानसभा में कई विधायकों ने इस राशि को दस लाख करने की मांग की है।

सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों के लिए दिया था यह आदेश
एक फरवरी 2010 को सुप्रीम कोर्ट ने इस तरह के हादसों की रोकथान के लिए राज्य सरकारों को सख्त निर्देश दिए थे कि इन हादसों को किसी भी कीमत पर रोका जाए। सूखा प्रदेश होने के कारण राजस्थान उन तीन राज्यों में से एक है जहाँ सबसे ज्यादा बोरवेल खोदे जाते हैं। इसकी खुदाई के लिए कलेक्टर या एसडीएम की परमिशन जरूरी होती है, साथ ही पुलिस की भी भूमिका होती है।

बिना परमिशन खोदे जा रहे बोरवेल…
लेकिन कई लोग बिना परमिशन के बोरवेल खोद रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ अब मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। अब अगर किसी को बोरवेल खोदना है तो वह पहले जलदाय विभाग को इसकी सुचना देनी होगी और साथ ही जिला कलेक्टर से पंद्रह दिन पहले अनुमति लेगा। पानी नहीं निकलता है तो बोरवेल का तुरंत लोहे की चादर से वेल्डिंग कर पैक किया जाएगा।