New vs old Income Tax regime: ₹10 करोड़ तक की सैलरी पर कितना लगेगा टैक्स , देखें गणना

New vs old Income Tax regime: ₹1 करोड़ से ₹10 करोड़ तक की सैलरी पर कितना टैक्स लगेगा और कितना पैसा हाथ में रहेगा? यह सवाल अक्सर लोग पूछते हैं, खासकर उच्च वेतन पाने वाले लोग। दोनों टैक्स स्लैब्स में कटौतियों और हाथ में आने वाली सैलरी में बड़ा अंतर है। अगर आप उच्च वेतन पर टैक्स बचाना चाहते हैं, तो यह तुलना आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकती है। तो चलिए, पूरी गणना समझते हैं।

अगर सैलरी करोड़ों में हो, तो कितनी रकम हाथ में आएगी?

भारत में नई और पुरानी आयकर स्लैब की तुलना करते हुए, एक बड़ा अंतर टैक्स के बोझ और नेट इनकम (हाथ में आने वाली सैलरी) में देखने को मिलता है। यह माना जाता है कि नई टैक्स स्लैब आमतौर पर ज्यादा हाथ में सैलरी देती है। तो चलिए, जानते हैं कि विभिन्न सैलरी ब्रैकेट्स में नई और पुरानी स्लैब के बीच कितना अंतर है।

नई और पुरानी टैक्स व्यवस्था में ₹1 करोड़ की सैलरी पर अंतर

मान लीजिए, अगर आप नई टैक्स स्लैब चुनते हैं, तो ₹1 करोड़ की सैलरी पर आपको करीब ₹70,74,220 हाथ में मिलेगा। वहीं, पुरानी टैक्स स्लैब में यह राशि लगभग ₹67,99,660 होगी।

नई और पुरानी टैक्स व्यवस्था में ₹5 करोड़ की सैलरी पर अंतर

अब बात करते हैं ₹5 करोड़ की सैलरी पर टैक्स का। नई टैक्स स्लैब में ₹5 करोड़ की सैलरी पर आपको लगभग ₹3,10,75,250 हाथ में मिलेगा, जबकि पुरानी टैक्स व्यवस्था में यह राशि ₹3,07,63,250 होगी।

₹10 करोड़ की सैलरी पर कितना टैक्स लगेगा?

जैसे-जैसे आय बढ़ती है, टैक्स दर भी दोनों व्यवस्था में बढ़ती है। तो चलिए जानते हैं कि ₹10 करोड़ की सैलरी पर कितनी टैक्स लगेगी।

  • नई टैक्स व्यवस्था में ₹10 करोड़ की सैलरी पर औसत टैक्स दर 38.42% होगी, जबकि पुरानी व्यवस्था में यह लगभग 42.46% होगी।

क्यों नई व्यवस्था में हाथ में ज्यादा सैलरी मिलती है?

हर सैलरी ब्रैकेट में नई टैक्स स्लैब में हाथ में सैलरी पुरानी स्लैब की तुलना में ज्यादा मिलती है। उदाहरण के लिए, ₹1 करोड़ की सैलरी पर नई टैक्स स्लैब में हाथ में सैलरी 70.74% होगी, जबकि पुरानी स्लैब में यह 67.99% होगी। वहीं, ₹10 करोड़ की सैलरी पर यह अंतर नई टैक्स स्लैब में 61.58% और पुरानी स्लैब में 57.54% होगा।

पुरानी टैक्स व्यवस्था के फायदे

पुरानी आयकर व्यवस्था में आपको कई तरह की कटौतियों और छूट का लाभ मिलता है, जिससे आपकी टैक्स देनदारी कम हो सकती है।

  • धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की कटौती (PPF, EPF, LIC आदि में निवेश पर)।
  • ₹50,000 की मानक कटौती और होम लोन तथा इंश्योरेंस प्रीमियम पर छूट।
  • HRA (House Rent Allowance) छूट और धारा 80G के तहत दान पर छूट।

नई टैक्स व्यवस्था के फायदे

नई टैक्स व्यवस्था को पुरानी व्यवस्था से बेहतर माना जाता है। नई आयकर स्लैब सरल होती हैं, लेकिन इसमें कोई भी कटौतियाँ या छूट नहीं मिलती। हालांकि, अगर आप सरल टैक्स स्लैब और ज्यादा हाथ में सैलरी चाहते हैं, तो नई व्यवस्था आपके लिए फायदेमंद हो सकती है।

(नोट: यह जानकारी सामान्य जानकारी पर आधारित है और टैक्स स्लैब्स में बदलाव हो सकते हैं)