अब खत्म होगा FASTag और Toll Tax का झंझट! नई GNSS तकनीक से टोल होगा आसान

भारत में टोल वसूली को आधुनिक बनाने के लिए FASTag की जगह ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) लागू किया जा रहा है। यह GPS आधारित तकनीक है, जो टोल फीस को बिना किसी रुकावट के स्वचालित रूप से काटेगी। नई प्रणाली से वाहन चालकों का समय और ईंधन दोनों की बचत होगी, जिससे यात्रा अधिक सुविधाजनक बनेगी।

GNSS कैसे करेगा काम?

  1. GPS ट्रैकर: वाहन में लगे GPS ट्रैकर आपकी यात्रा की दूरी को रिकॉर्ड करेगा।
  2. ऑटोमैटिक टोल कटौती: हाईवे पर तय की गई दूरी के अनुसार, आपके बैंक अकाउंट से टोल शुल्क स्वचालित रूप से कट जाएगा।
  3. नो स्टॉपिंग: अब टोल बूथ पर रुकने की आवश्यकता नहीं होगी।

FASTag की जगह GNSS लेन

  • GNSS प्रणाली में टोल बूथ के बजाय खुले हाईवे पर टोल कटेगा।
  • गाड़ियों को बिना किसी बाधा के सफर जारी रखने की सुविधा मिलेगी।
  • इससे ईंधन की खपत और यात्रा समय में कमी आएगी।

लागू करने की योजना

  • 2025 तक: 2,000 किलोमीटर हाईवे पर GNSS लागू होगा।
  • 2027 तक: 50,000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग इस तकनीक के दायरे में आएंगे।
  • यह कदम भारत में 1.5 लाख किलोमीटर लंबे हाईवे नेटवर्क को आधुनिक बनाने की दिशा में बड़ा परिवर्तन लाएगा।

GNSS क्यों है महत्वपूर्ण?

  1. वाहन चालकों को समय और ईंधन की बचत।
  2. टोल वसूली में अधिक सटीकता
  3. यातायात जाम और प्रदूषण में कमी।

 

 

 

 

 

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