Offbeat: महाभारत के युद्ध से पहले दुर्योधन क्यों करना चाहता था आत्म हत्या? छोड़ दिया था अन्न जल लेकिन फिर..
- byShiv
- 19 Oct, 2024

pc: Asianet News Hindi
दुर्योधन के बारे में हम सभी को जानकारी है। उसे भी महाभारत के युद्ध के प्रमुख कारणों में से एक माना जाता है। महाभारत में दुर्योधन के जन्म से लेकर मृत्यु तक का पूरा वर्णन मिलता है। महाभारत युद्ध से काफी समय पहले कुछ ऐसा हुआ था जिसके बाद दुर्योधन आत्महत्या करना चाहता था। इसी घटना के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं।
महाभारत के अनुसार, दुर्योधन से जुए में हारने के बाद, पांडव वन में निर्वासन में रह रहे थे। एक दिन, दुर्योधन ने पांडवों को अपनी संपत्ति और शक्ति दिखाने का फैसला किया। उसने उस क्षेत्र के पास एक क्रीड़ा महल बनवाया जहाँ पांडव रह रहे थे और अपने दल के साथ वहाँ चला गया। हालाँकि, जंगल के उस हिस्से पर गंधर्वों का शासन था। उन्होंने दुर्योधन से वहाँ से चले जाने को कहा, लेकिन उसने मना कर दिया। तब गंधर्वों की सेना ने कौरव सेना पर मायास्त्र चलाकार उन्हें भ्रम में डाल दिया और दुर्योधन, दु:शासन आदि को बंदी बना लिया।
पांडवों ने बचाई दुर्योधन की जान
कुछ कौरव सैनिकों ने पांडवों को इस बारे में जानकारी दी तो युधिष्ठिर ने भीम और अर्जुन को दुर्योधन की सहायता के लिए भेजा। उन्होंने गंधर्वों को समझाया और उनकी बात सुनकर गंधर्वों ने दुर्योधन आदि को छोड़ दिया। जब दुर्योधन को ये पता चली कि पांडवों ने उसकी जान बचाई है तो वह बेहद ही दुखी हुआ और उसने आत्महत्या करने का मन बना लिया।
दुर्योधन ने छोड़ दिया था अन्न-जल
आत्महत्य करने के लिए दुर्योधन ने अन्न-जल ग्रहण करना छोड़ दिया और वन में ही रहने लगा। जब देवताओं से पराजित दैत्यों को इस बारे में जानकारी हुई तो उन्होंने एक कृत्या (राक्षसी) को दुर्योधन के पास भेजा। उसने दुर्योधन के शरीर में प्रवेश किया और उसे लेकर पाताल आ गई। यहां दैत्यों ने दुर्योधन को समझाया कि अनेक ऐसे दानव पृथ्वी पर पहुंच गए हैं जो तुम्हारी रक्षा करने के लिए है। पांडवों से युद्ध के समय वे तुम्हारा साथ देंगे और तुम्हारी ही जीत होगी।
दुर्योधन ने की प्रतिज्ञा
जब दुर्योधन पुन: धरती पर आया तो उसे लगा मानों उसने कोई सपना देखा हो लेकिन उसे इस बात का यकीन था कि पाताल में रहने वाले राक्षस उसकी सहायता जरूरी करेंगे। जब कर्ण दुर्योधन से मिलने आया तो उसने प्रतिज्ञा की कि अज्ञातवास समाप्त होते ही वह पांडवों का समूल विनाश कर देगा।