Pitru Paksha 2024: पितृ विसर्जन अमावस्या के दिन होगा साल 2024 का आखिरी सूर्य ग्रहण, जान ले आप भी सूतक काल

इंटरनेट डेस्क। पितृ पक्ष चल रहा हैं और इसकी शुरूआत में चंद्र ग्रहण रहा था। ऐसे में अब सूर्य ग्रहण भी होगा और वो भी इसी पितृ पक्ष में ही। ऐसे में हिंदू धर्म में सूर्य ग्रहण का महत्व भी बताया गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या के दिन ही होता है। वहीं साल 2024 का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण पितृ विसर्जन अमावस्या के दिन होगा।

पितृ विसर्जन अमावस्या
बता दें की पितृ विसर्जन अमावस्या पर ज्ञात-अज्ञात पितरों का तर्पण, पिंडदान, कर्मकांड आदि किए जाते है जिससे प्रेत योनि में भटक रहे पितरों को शांति मिलती है। और उन्हें मोक्ष प्राप्त होता है। पितृ विसर्जन अमावस्या के दिन ग्रहण होने के कारण सूतक काल सुबह 9.13 से प्रारंभ हो जाएगा। ऐसे में आखिर इस दिन पितरों के निमित्त तर्पण, पिंडदान आदि कैसे किया जाएगा।

सूर्यग्रहण का समय
मीडिया रिपोटर्स की माने तो 2 अक्टूबर आश्विन मास की अमावस्या को सूर्य ग्रहण रात 9.13 से शुरू होगा, जो 3 अक्टूबर की सुबह 3.17 मिनट तक चलेगा। सूतक काल 2 अक्टूबर की सुबह 9.13 से प्रारंभ होगा। साल 2024 का यह सूर्य ग्रहण भारतीय समय के अनुसार रात के समय होगा जो देश में दिखाई नहीं देगा। यह सूर्य ग्रहण विश्व के पश्चिमी देशों अमेरिका, कनाडा, न्यूजीलैंड, अर्जेंटीना ब्राज़ील, कूक, फिजी, आईलैंड, आर्कटिक आदि देशों में देखा जा सकेगा। ऐसे में इस सूर्य ग्रहण का भारत देश में कोई भी प्रभाव नहीं होगा। इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।

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