Rajasthan: ओपीएस को लेकर सरकारी कर्मचारी असमंजस में, भजनलाल सरकार नहीं कर पाई अपना रूख स्पष्ट

इंटरनेट डेस्क। ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर 2023 का साल बहुत ही गर्म रहा था, इस साल में कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए तो वहां ये मुद्दा छाया रहा। लेकिन इस बार लोकसभा चुनावों में ये मुद्दा किसी भी पार्टी ने नहीं उठाया। वैसे पिछले साल राजस्थान में विधानसभा चुनाव हुए तो यहां भी ये ओल्ड पेंशन स्कीम छाई रही और पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने इसे लागू भी कर दिया। लेकिन जब से प्रदेश में भाजपा की सरकार आई हैं ओपीएस को लेकर अलग अलग चर्चाएं जारी है। 

ऐसे में राजस्थान में सरकार बदले हुए करीब चार से पांच माह हो चुके हैं, लेकिन कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर सरकार का रुख स्पष्ट नहीं हो पाया है। प्रदेश के भाजपा और कांग्रेस के कई विधायक इस पर सवाल भी पूछ चुके है। ऐसे में सरकार की और से अभी कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिल सका है। 

खबरों की माने तो अब ये मुद्दा प्रदेश की भजनलाल सरकार के लिए गले की फांस बन गया है। बता दें की अब नई नियुक्तियों में ओपीएस जारी रखना सरकार की मजबूरी बन गया है। हालांकि, विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने कभी भी ओपीएस का समर्थन नहीं किया था और ना ही  इसकी  चर्चा लोकसभा चुनावों में हुई है। केंद्र सरकार ने भी ओपीएस को लेका ना मेनिफेस्टों में कुछ कहा हैं और ना ही किसी सभा में इसको लेकर चर्चा हो रही है।  लेकिन आगे क्या होगा और क्या नहीं अब इन चुनावों के बाद ही फैसना हो पाएगा।

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