RBI ने सर्कुलेशन से हटाए 5 रुपये के सिक्के, वजह जानकर रह जाएंगे हैरान

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में 5 रुपये के सिक्कों को लेकर एक नई गाइडलाइन जारी की है। वर्तमान में भारत में 1 रुपये से लेकर 20 रुपये तक के सिक्के प्रचलन में हैं। इनमें 5 रुपये के सिक्कों के दो प्रकार हैं: एक पीतल का (Brass Coin) और दूसरा मोटे धातु का (Rough Metal Coin)। हालांकि, अब मोटे धातु वाले 5 रुपये के सिक्के को सर्कुलेशन से हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

5 रुपये के मोटे सिक्के सर्कुलेशन से क्यों हटाए जा रहे हैं?

  1. उत्पादन लागत अधिक होना
    मोटे धातु वाले 5 रुपये के सिक्के को बनाने में लागत ज्यादा आती थी। इसके चलते सरकार को इन सिक्कों का उत्पादन आर्थिक रूप से नुकसानदायक लगा।
  2. धातु का गलत इस्तेमाल
    5 रुपये के इन मोटे सिक्कों से रेज़र ब्लेड बनाए जा सकते थे। एक सिक्के से लगभग 4-6 ब्लेड तैयार हो जाते थे, जिनकी कीमत 10-12 रुपये तक हो सकती थी।
  3. अवैध तस्करी
    इन सिक्कों की बांग्लादेश में अवैध तस्करी बड़े पैमाने पर होती थी। वहां इन सिक्कों को गलाकर रेज़र ब्लेड बनाए जाते थे, जिनसे प्रति ब्लेड 2 रुपये का मुनाफा होता था। यह तस्करी भारत में इन सिक्कों के प्रचलन में कमी का बड़ा कारण बनी।

नए 5 रुपये के सिक्के का समाधान

इन चुनौतियों को देखते हुए, RBI और केंद्र सरकार ने नए 5 रुपये के सिक्के तैयार किए।

  • डिज़ाइन और धातु में बदलाव:
    नए सिक्के पतले बनाए गए और इनमें सस्ती धातुओं का मिश्रण किया गया।
  • फायदा:
    इन नए सिक्कों को गलाकर ब्लेड बनाना असंभव हो गया। इससे न केवल तस्करी पर रोक लगी, बल्कि उत्पादन लागत भी घट गई।

फिलहाल क्या है स्थिति?

वर्तमान में बाजार में केवल पीतल के 5 रुपये के सिक्के ही प्रचलित हैं। पुराने मोटे सिक्कों का उत्पादन बंद हो चुका है, और धीरे-धीरे इन्हें सर्कुलेशन से पूरी तरह हटाया जा रहा है।

क्या आपको चिंतित होने की जरूरत है?

अगर आपके पास पुराने मोटे 5 रुपये के सिक्के हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं है। इन्हें बैंक में जमा कराकर बदला जा सकता है।

निष्कर्ष:
आरबीआई का यह कदम देश की आर्थिक सुरक्षा और अवैध तस्करी पर रोक लगाने के लिए जरूरी था। नए सिक्के न केवल तस्करी को रोकने में सफल रहे हैं, बल्कि जनता के लिए भी अधिक उपयोगी साबित हो रहे हैं।