क्या लोन रिजेक्ट होने से क्रेडिट स्कोर पर असर पड़ता है? जानिए पूरी सच्चाई

आज के समय में लोन लेना आम बात हो गई है – चाहे घर बनाना हो, कार खरीदनी हो या बिजनेस बढ़ाना हो। लेकिन जब कोई व्यक्ति बार-बार लोन के लिए आवेदन करता है और बार-बार रिजेक्शन का सामना करता है, तो सवाल उठता है – क्या इससे क्रेडिट स्कोर पर असर पड़ता है? आइए विस्तार से समझते हैं।

✅ क्या होता है क्रेडिट स्कोर?

क्रेडिट स्कोर एक तीन अंकों की संख्या होती है, जो 300 से 900 के बीच होती है। यह बताता है कि कोई व्यक्ति समय पर अपने कर्जों का भुगतान करता है या नहीं। स्कोर जितना अधिक होगा, बैंक लोन देने में उतनी ही रुचि दिखाते हैं।

💡 क्या लोन रिजेक्ट होने से स्कोर घटता है?

असल में, लोन रिजेक्ट होने से आपका क्रेडिट स्कोर सीधे तौर पर प्रभावित नहीं होता। लेकिन जब आप लोन के लिए आवेदन करते हैं, तो बैंक आपकी क्रेडिट रिपोर्ट चेक करते हैं जिसे "हार्ड इंक्वायरी" कहा जाता है। बार-बार हार्ड इंक्वायरी होने पर स्कोर में थोड़ी गिरावट हो सकती है।

यदि आप बार-बार लोन के लिए आवेदन करते हैं और वह रिजेक्ट होता है, तो बैंक आपको उच्च जोखिम वाला ग्राहक मान सकते हैं, जिससे अप्रत्यक्ष रूप से आपका स्कोर प्रभावित हो सकता है।

📉 क्यों होता है लोन रिजेक्ट?

लोन अस्वीकृत होने के मुख्य कारण ये हो सकते हैं:

  • कम क्रेडिट स्कोर
  • आय कम होना या अस्थिर इनकम
  • गलत या अधूरी जानकारी
  • ज्यादा कर्ज होना
  • बार-बार लोन के लिए आवेदन करना

इन कारणों को समझकर आप अगली बार रिजेक्शन से बच सकते हैं।

🧠 क्यों जरूरी है स्कोर जानना?

लोन का आवेदन करने से पहले यह जानना जरूरी है कि आपका क्रेडिट स्कोर क्या है। अगर यह 750 या उससे अधिक है, तो लोन मिलने की संभावना अधिक होती है। अगर स्कोर कम है, तो पहले इसे सुधारना बेहतर होता है।

🔧 क्रेडिट स्कोर कैसे सुधारें?

  1. बिल और EMI समय पर चुकाएं: देरी से भुगतान स्कोर को खराब करता है।
  2. कम कर्ज रखें: क्रेडिट लिमिट का कम इस्तेमाल करें।
  3. बार-बार आवेदन से बचें: बार-बार इनक्वायरी से स्कोर गिर सकता है।
  4. पुराना क्रेडिट कार्ड बंद न करें: लंबा क्रेडिट इतिहास फायदेमंद होता है।
  5. क्रेडिट रिपोर्ट जांचते रहें: गलतियों को सुधारें।

हालांकि लोन रिजेक्ट होने से सीधा असर क्रेडिट स्कोर पर नहीं पड़ता, लेकिन बार-बार अस्वीकृति से आपकी छवि खराब हो सकती है। समझदारी से लोन के लिए आवेदन करें, क्रेडिट स्कोर को बेहतर बनाए रखें और फाइनेंशियल प्लानिंग में सतर्क रहें।