PM Modi: प्रधानमंत्री के संबोधन पर भड़का विपक्ष, लगा दिए कई आरोप, जान ले आप भी

इंटरनेट डेस्क। 15 अगस्त के मौके पर पीएम मोदी ने लालकिले से देशवासियों को संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने कई बड़ी बाते बोली। लेकिन एक बार फिर से पीएम मोदी के भाषण को लेकर विपक्षी दल हमलावर हैं। विपक्षी दलों के नेताओं ने आरोप लगाया है कि पीएम मोदी लोगों को एकजुट करने, प्रेरित करने और राष्ट्र के महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित करने में विफल रहे।

क्या कहा विपक्ष ने 
मीडिया रिपोटर्स की माने तो कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी ने यह कह कर संविधान निर्माता बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर का घोर अपमान किया है कि आजादी के बाद से अब तक देश में सांप्रदायिक नागरिक संहिता है। रमेश ने दावा किया कि आंबेडकर, हिंदू पर्सनल लॉ में जिन सुधारों के बड़े पैरोकार थे, उनका राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनसंघ ने पुरजोर विरोध किया था।

विपक्ष के निशाने पर पीएम
इसके साथ ही भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव डी राजा ने कहा कि लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री के भाषण में लोगों को एकजुट करने और प्रेरित करने की कोई बात शामिल नहीं थी। उन्होंने जो कुछ भी बोला, वह आरएसएस के भयावह, विभाजनकारी एजेंडे के अनुरूप है। राष्ट्रीय जनता दल के नेता मनोज झा ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण और चिंताजनक बात यह है कि 11वीं बार भी नरेंद्र मोदी यह समझने में विफल रहे हैं कि वह देश के प्रधानमंत्री हैं। विपक्ष या जिन लोगों ने आपको वोट नहीं दिया, उनके लिए कोई अलग प्रधानमंत्री नहीं है।

पीएम ने क्या कहा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को स्वतंत्रता दिवस पर संबोधन में देश में धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता जोरदार पैरवी करते हुए भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प और एक राष्ट्र एक चुनाव का सपना साकार करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, देश का एक बहुत बड़ा वर्ग मानता है कि जिस नागरिक संहिता को लेकर हम लोग जी रहे हैं, वह सचमुच में साम्प्रदायिक और भेदभाव करने वाली संहिता है।

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