यूपी में बिजली वितरण का निजीकरण: वाराणसी और आगरा से होगी शुरुआत, जानें इसका असर
- byTrainee
- 25 Dec, 2024

उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य की बिजली वितरण व्यवस्था को निजी हाथों में सौंपने का बड़ा कदम उठाया है। घाटे में चल रही बिजली वितरण कंपनियों को सुधारने के उद्देश्य से यह बदलाव प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत लागू किया जाएगा।
कहां से होगी शुरुआत?
इस प्रक्रिया की शुरुआत पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम (वाराणसी) और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम (आगरा) से होगी। भविष्य में इसे अन्य क्षेत्रों में भी लागू करने की योजना है।
50-50 साझेदारी मॉडल
इस मॉडल के तहत राज्य सरकार और निजी कंपनियों के बीच 50-50 की साझेदारी होगी। सरकारी प्रतिनिधि चेयरमैन और प्राइवेट कंपनी का प्रतिनिधि प्रबंध निदेशक होगा। यह कदम ओडिशा के निजीकरण मॉडल पर आधारित है, जिसे एक सफल उदाहरण माना जा रहा है।
ऊर्जा संगठनों का विरोध
इस निर्णय का विरोध भी शुरू हो चुका है। ऊर्जा संगठनों का कहना है कि इससे कर्मचारियों की नौकरियां प्रभावित होंगी और सेवा की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो सकते हैं। संगठनों ने आंदोलन की चेतावनी देते हुए सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की है।
सरकार का उद्देश्य
सरकार का मुख्य उद्देश्य बिजली वितरण व्यवस्था को सुधारना, वित्तीय घाटे को कम करना और जनता को बेहतर सेवाएं प्रदान करना है। प्राइवेट कंपनियों के संसाधन और अनुभव से इस व्यवस्था में सुधार की उम्मीद की जा रही है।
क्या होगा असर?
निजीकरण से दक्षता में सुधार, राजस्व वसूली बढ़ने, और बिजली हानियों में कमी आने की संभावना है। हालांकि, बिजली दरों में वृद्धि और कर्मचारियों के रोजगार पर असर जैसी चिंताएं भी सामने आ सकती हैं।
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